एक बड़ा एस्टेरॉयड पृथ्वी के पास से गुज़रने वाला है.पिछले 20 वर्षों में ये धरती के सबसे नज़दीक से गुज़रने वाला एस्टेरॉयड है. इसे 2007 टीयू 24 नाम दिया गया है. भारतीय समयानुसार बुधवार सुबह दो बजे के आस-पास ये धरती के सबसे करीब होगा.
इस 600 मीटर लंबे एस्टेरॉयड या ग्रहिका को ऐसे टेलिस्कोप के ज़रिए देखा जा सकता है जो तीन इंच या उससे बड़े हैं.
अगर आसमान साफ़ रहा तो इसे देखना मुमकिन होगा वरना 20 साल का इंतज़ार करना होगा.
ये एस्टेरॉयड 538000 किलोमीटर की दूरी पर से गुज़रेगा.
कुछ जगह ये कहा जा रहा है कि ये एस्टेरॉयड पृथ्वी के लिए ख़तरा बन सकता है.
लेकिन अमरीकी अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र नासा के डॉनल्ड योमैन्स इसे सरासर ग़लत बताते हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि ये एस्टेरॉयड दुनिया के लिए ख़तरा नहीं हैं.
खगोलशास्त्री ये जानने के इच्छुक हैं कि इस एस्टेरॉयड का कोई ठोस आकार है या फिर ये अंतरिक्ष में मल्बे जैसा कुछ है.
अगर इसके आकार का पता चल गया तो फिर उससे वैज्ञानिकों को एस्टेरॉयड को जानने समझने में मदद मिलेगी.
वैसे इसके पृथ्वी से टकराने के आसार नहीं है. लेकिन अगर ये पृथ्वी से टकराता है तो इसके परिणाम बहुत ही घातक होते हैं. कहा जाता है कि पृथ्वी से डायनासॉर के लुप्त होने में इसी की भूमिका थी.
करीब डेढ़ साल पहले, 2004 एक्सपी 14 नाम का एस्टेरॉयड धरती के पास से गुज़रा था.
किसी भी एस्टेरॉयड के नाम में वो वर्ष शामिल रहता है जब पहली बार उसके बारे में पता चला था.
1 comment:
बहुत ही शानदार विषय चुना है आपने लेखन का. काफी दिनों से तलाश थी इस तरह लिखने वाले की. अंतरिक्ष पर लेखन अपने आप में महत्वपूर्ण है. सन स्पाट और सोलर विंड आदि पर भी कुछ लिखते तो अच्छा लगता.
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