Sunday, September 9, 2007
आईएईए का सनसनीखेज खुलासा ईरान ने लगाए दो हजार सेंट्रीफ्यूज
ईरान के मामले ने एक बार फिर नया मोड़ ले लिया है। पिछले दिनों अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) ने ईरान के साथ इस बात पर सहमति जताई थी कि वो अपने परमाणु संबंधी विवादों को दो महीने में हल कर लेगा। मगर हाल ही में आईएईए ने अपनी एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें कहा गया है कि ईरान ने भले ही विवाद हल करने में अपनी रुचि दिखाई है मगर अब तक वह अपने घोषित कार्यक्रम के अनुसार दो- तिहाई सेंट्रीफ्यूज लगा चुका है और अब वो इस स्थिति में आ चुका है कि हल के लिए उसे कोई मजबूर नहीं कर सकता। आईएईए की यह रिपोर्ट बोर्ड के सदस्यों के बीच जारी की गई है। रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल जून-जुलाई में ईरान ने कहा था कि उसे अपने परमाणु कार्यक्रम के लिए तीन हजार सेंट्रीफ्यूज लगाने हैं और अगस्त तक उसने जितने सेंट्रीफ्यूज लगाए हैं उसमें से दो हजार सक्रिय हो चुके हैं। तीन सितंबर को एक साक्षात्कार में आईएईए के चेयरमैन मोहम्मद अलबरदेई ने इस बात को स्वीकार किया था। गौरतलब है कि गैस सेंट्रीफ्यूज का इस्तेमाल यूरेनियम संवर्द्धन में किया जाता है। दरअसल यूरेनियम के भारी आइसोटोप जब यूरेनियम हेक्साफ्लोराइड गैस में बदलते हैं तो वे सेंट्रीफ्यूज के दीवारों से टकराकर संतृप्त यूरेनियम-२३५ बनाते हैं। इसके बार हजारों सेंट्रीफ्यूज मिलकर इस यूरेनियम को इतना संवर्द्धित कर देते हैं कि इसके साढ़े तीन प्रतिशत संवर्द्धन में ही परमाणु रियेक्टर चलाया जा सकता है और नब्बे फीसदी संवर्द्धन के बाद परमाणु बम बनाया जा सकता है। दूसरी तरफ ईरान के राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद ने भी इसी सप्ताह घोषणा की थी कि उनका मुख्य उद्देश्य तीन हजार सेंट्रीफ्यूज स्थापित करना है ताकि राष्ट्रीय अखंडता को सुरक्षित रखा जा सके। मगर आईएईए की रिपोर्ट में हुए खुलासे के बाद एक बार फिर बहस तेज हो गई है। जानकारों के अनुसार अमेरिका इस सारे मामले पर आईएईए के अध्यक्ष अलबरदेई को जिम्मेदार मान रहा है। उसका मानना है कि जब ईरान पर प्रतिबंध और हमले की बात कही जा रही थी तब आईएईए ने ही सबसे पहले विरोध जताया था और उसी के कारणा ऐसा संभव नहीं हो पाया था। अमेरिकी दृष्टिकोण का समर्थन वाशिंगटन पोस्ट ने भी अपने बुधवार के संपादकीय में किया है। कुल मिलाकर एक बार फिर आईएईए ने ईरान के मसले को अंतरराष्ट्रीय मंच पर बहस का मुद्दा बना दिया है। मगर इस बार इसके लिए निशाना हैं खुद आईएईए के अध्यक्ष। वैसे भी अलबरदेई का कार्यकाल समाप्त होने वाला है। नए कार्यकाल में पद पर दोबारा आने के लिए उन्हें समर्थन मिल पाएगा या नहीं यह तो भविष्य के गर्त में हैं मगर ईरान के दो हजार सेंट्रीफ्यूज स्थापित और सक्रिय होने की खबर ने कईयों के होश अवश्य उड़ा दिए हैं।
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